पूना के मुज़म्मिल ताहा शेख की शॉर्ट फिल्म " फ्लाईंग विश" की दुनियाभर में धूम

 स्पेशल स्टोरी : फरहान हनीफ वारसी 


प्रेस मीडिया लाईव्ह :

पूना का 8 साला स्टूडंट इन दिनों ईरान, अमरीका, मलेशिया और भारत के मीडिया में बड़ी तेजी से मशहूर हो रहा है, इस का नाम मुजम्मिल ताहा शेख है. उस की कमियाबी की कहानी दूसरे बच्चों के लिए एक मिसाल है- मुज़म्मिल ताहा शेख ने ये साबित किया के कारनामा अंजाम देने के लिए उम्र की कोई कैद नही होती है. 

मुज़म्मिल ताहा शेख़ ने एक मिनट की "फ्लाइंग विश" नामी शॉर्ट फिल्म से मलेशिया के मशहूर निइतीने  इंटरनेशनल फिल्म फेस्टीवल 2024 की ज्यूरी,एक्सपर्ट्स और, ऑडियंस का जीत लिया, और उस शॉर्ट फिल्म को बेस्ट शॉर्ट  चिल्ड्रन फिल्म एवॉर्ड से नवाजा गया. पूना के लोयोला इंग्लिश मीडियम  स्कूल एण्ड ज्युनियर कॉलेज  के दूसरी जमात के स्टूडेंट मुज़म्मिल ताहा शेख के वालिद जुनेद इमाम वर्ल्ड फेमस शॉर्ट फिल्म डायरेक्टर, वालिदा नाज़ शेख इंफार्मेशन टेक्नोलॉजी   डिपार्टमेंट से ताल्लुक रखती हैं, मुज़म्मिल ताहा शेख़ से फ्लाइंग विश बनाने का ख्याल कैसे आया ? उस ने कहा " मुझे कुरआन  मजीद की तिलावत बहोत पसंद है और मुझे मेरी वालिदा इंग्लिश में कुरआन मजीद पढ़ाती हैं और आयतों के मीनिंग भी बताती हैं.


इस आसमानी किताब में इंसानों के साथ चरिंदों पुरिंदों से मुहब्बत अच्छे सुलूक और सुलह रहमी की तालीम दी गई है. मुझे मच्छलियां पालने का शौक है और मेरे पास फिश टंग में खुबसूरत और मेरी मनपसंद मच्छली थी. मुज़म्मिल ताहा के वालिद जुनेद इमाम बताते हैं, यों तो मुज़म्मिल ताहा के पास कई मचछलियां थीं जिन में से उस ने छोटी छोटी अपने दोस्तों को दें दीं थी, उस एक मच्ली को जो के उसे बहोत पसंद और  बड़ी महंगी थी, वो अपनी मच्छली को चारा देता और उस का बड़ा ख्याल रखता था. 31 दिसंबर 2023 से एक दो दिन पहले उस ने कुरआन मजीद की तिलावत के दौरान अपनी  वालिदा से कहा के अल्लाह तआला ने अपनी किताब में इंसानों के अलावा चरींदों परिंदों के साथ भी रहम दिली से पेश आने का दर्स दिया है. आने वाले 31 दिसंबर को आखरी दिन मनाया जायेगा, और जश्न और पार्टीयां की जाएंगी,सब अपने तरीके से पूराना साल जाने और नया साल आने  की खुशियां मनाएंगे- मैं चाहता हूं के नए साल  में अपनी मच्छली को नदी में छोड़ दूं ताके वो आजाद हो जाए और अपनी दुनिया में चली जाए." मुज़म्मिल ताहा की वालिदा के मुताबिक "मुझे मुज़म्मिल ताहा  के ख्यालात जान कर खुशी  हुई, वो इत्नी कम उम्र में अपनी पाली हुई मच्छली के साथ सुलाह रहमी की  बात कर रहा था.

 जुनेद इमाम के मुताबिक 31 दिसंबर को हम 12 बजे से पहले ताहा के साथ एक करीबी नदी पर पहुंचे, जब 12 बज चुके और पटारेख, छोड़े गए तो मुज़म्मिल ताहा ने अपनी  मच्छली को ये कहते हुए नदी के हवाले किया के "मैं तुझे बड़ा मिस करुगा, क्यों के तेरी दुरिया, मेरा घर नहीं ये नदी है। उस की आँखों में आंसू थे. मुज़म्मिल ताहा के वालीदेन् ने उसे दिलासा देते हुए घर पहुंचे, वो कई दिनों तक मच्छली को भूल नहीं पाया उसे याद करता रहा इसी बात से मुतास्सिर हो कर जुनेद इमाम को ख्याल आया के इस पर शॉर्ट फिल्म बनाई जाए ताके दूसरे बच्चों को भो नरम दिली और दूसरो के साथ भलाई करने  का सबक मिले. इस के बाद जुनैद इमाम की रहनु‌माई और मशवरों से मुज़म्मिल ताहा ने अपनी पहली शॉर्ट फिल्म तय्यार  की. मुज़म्मिल ताहा को इस कामियाबी और कारनामे से लोयोला इंग्लिश मीडियम स्कूल अण्ड जूनियर कॉलेज के प्रिंसिपल फादर अनीश एस जे काफी खुश हुए, उन्हों ने कहा मुझे ताहा पर फख्र है, ये स्टूडंट हमारे समाज से कितना सलग है इस का अंदाजा इस स्टोरी से लगाया जा सकता है, उस ने जाते हए साल को विदा करने और नए साल को खुश आमदीद करने के लिए रिवायती तरीकों के बजाए नया तरीका तलाश किया और समाज और दिगर बच्चों को एक बहतरीन पैगाम दिया. फ्लाइंग विश हमारी तेज रफ्तार दुनिया  में एक नरम याद दिहानी के तौर पर काम करती है के अहसान की सादगी अक्सर रोजमर्रा की जिंदगी के शोर  में दब के रह जाती है. 

मुज़म्मिल ताहा की दास्तान मासूमियत पॉजिटिव तब्दीली की बेहतरीन ख्वाहिश जो के एक बच्चे के दिल में बसी है को बडी खूबसूरती से पेश करती है, पूना के इस 8 साला स्टूडेंट का अपनी "पालतु मच्छली को नदी  में छोड कर साल के आखीर  और  नए दिन  को यादगार बनाने  का फैसला किसी मजबूर को कैद से आजादी दिलाने और दूसरों की खुशी को हमारी सभी की जिम्मेदारी के बारे में एक गहरा पैगाम बन जाता है. इस शॉर्ट फिल्म में नदी एक पूरजोश अलामत बन जाती है जिंदगी के बहावों  और हमारे बाहमी रब्त की अक्कासी करती है- अपने वालिदैन  के साथ मुज़म्मिल ताहा का नदी के किनारे का सफर एक बससरी इस्तेआरा के तौर पर सामने आता है जो हमदर्दी की रोशनी देता है. फ्लाइंग विश, ऑडियंस को दावत देती है के अपने इर्द गिर्द के लोगों  की जिंदगीयों में फर्क करने की अपनी आदत् पर सोच व गौर करें. मुज़म्मिल ताहा शेख को जनवरी में" मोलो इंटरनेशनल फिल्म फेस्टीवल, पाँडेचरी में फ्लाइंग विश के लिए बेस्ट चाइल्ड आर्टिस्ट एवार्ड दिया गया है,इसी तरह " कोडी कनाल इंटरनेशनल तमिलनाडू में  इस शॉर्ट फिल्म को बेस्ट सोशल अवेयरनेस  शॉर्ट फिल्म और कैलीफोनिया (अमरीका) के अंबेडकर टाइम्स' न्युज मीडिया हाउस की जानिब से  प्राईड एवार्ड से नवाजा गया है. 

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